मरहबा या मुस्तफा नारों के साथ निकला ईद मिलादुन नबी का जलूस
संवाददाता – एजाज अहमद
ठाकुर गंगटी प्रखंड अंतर्गत बुधवाचक गांव में आज सुबह से ही जशने आमद रसूल के जन्मदिन पर मरहबा मरहबा नारों की गूंज के साथ सामूहिक रैली निकली जिसमें आस पास के गाँव के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आज पुरे विश्व में मुस्लिम समुदाय के लोग इस्लाम धर्म के अंतिम पैगम्बर के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर अपने घरों में झंडे लगाते है और शिद्दत के साथ उनको याद करते हैं। हर साल की भांति इस साल भी उर्दू महिना रबीउल अव्वल की 12 वीं तारीख को मुस्लिम समुदाय के लोग अपने घरों में फातेहा और नात खानी का कार्यक्रम ख़ुशी ख़ुशी करते हैं। अंतिम पैगम्बर द्वारा बिताए जिंदगी को सुन्नत कहा जाता है जो हर मुसलमान के लिए सुन्नत के अनुसार जिंदगी को व्यतीत करना आवश्यक हैं। जन्म से लेकर मरने के बाद तक की जन्दगी को उन्होंने स्पष्टता के साथ दुनिया वाले को बता दिया है कि इंसान को अपनी जिंदगी पाकीजगी और सादगी के साथ कैसे व्यतीत करना हैं। जलूस की रहबरी सज्जादा नशी हजरत नेजमुद्दीन साहब, हाफिज अबरार, कुदरत बाबु, अब्दुल जब्बर, सरदार लियाकत और सभी आलिमे दिन के रहबर कर रहे थे।