मुरूमातु घटना पर आजसू पार्टी का तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट
ऊटारी रोड से संकेंद्र कुमार के रिपोर्ट
आजसू पार्टी के केन्द्रीय कमेटी एक जांच दल गठित कर मुरूमातु घटना की पुरी तहकीकात की। जांच दल का नेतृत्व आजसू पार्टी के केन्द्रीय सचिव सह गढवा जिला प्रभारी सतीश कुमार केन्द्रीय सचिव बिकेश शुक्ला केन्द्रीय सचिव इम्तियाज अहमद नजमी तुलसी शुक्ला अनिल कुमार शामिल थे।
आज दिनांक 08-09-22 को सतीश कुमार के आवास पर संबाददाता सम्मेलन कर तथ्यों को सामने लाया।
पिछले कुछ दिनों से पलामू जिला के पाण्डू थाना अंतर्गत मुरूमातू गांव से यह खबर वायरल हुआ कि 79 सालों से रह रहे महादलित जाति के 50 परिवार के साथ मारपीट कर घरों को उजाड़ कर जमीनों पर मुस्लिमों ने कब्जा कर लिया।
बिना सही तरीके से तहकीक किये
जो बिलकुल मनगढ़ंत और एक पक्षीय है। को जोर शोर से प्रचार-प्रसार किया गया।
#सच्चाई_यह है कि शेख डोमन मियां ने सन् 1943 में स्थानीय जमींदार तारकनाथ सरकार से उनकी भूमि जिसका खाता न0 – 44 के अंतर्गत 07 ठो प्लाॅट में से साढ़े 17 एकड़ जमीन खरीदा था। जिसमें से प्लाॅट न0 437 कुल रकबा 04 एकड़ 04 डीसमील में से 03 एकड़ जमीन भी शामिल है।
शेख डोमन मियां ने तीन एकड़ जमीन को अपने तीन बेटों में 01-01एकड़ बांट दिया था। डोमन मियां का बेटा नबी हसन मियां अपने 01 एकड़ हिस्से में से 25 डीसमील जमीन मदरसा मंजरे इस्लाम के नाम 1987 में रजिस्ट्री कर दिया।
जिसका खेवट-02, खाता-44, प्लाट न0-437 है।
वर्ष 1943 से लेकर वर्ष 2022 तक सभी जमीनों का लगान/रसीद डोमन मियां और उनके परिवार एवं बेचे गये लोगों के नाम पर चलता आ रहा है जो अंचल कार्यालय के पंजी टू में भी दर्ज है।
मदरसे के नाम पर जो जमीन वो मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित है, जिसके दूसरे तरफ कर्बला है जहां हर वर्ष मुहर्रम में मेला लगता है।
एक वर्ष पहले मुसहर जाति के कुछ लोग मदरसा के खाली जमीन पर बांस बल्ली और प्लास्टिक लगाकर झोपड़ी बना लियें। जब मदरसा कमिटी एवं जमीन मलिक को पता चला तो उनलोगो ने झोपड़ी को हटाने को कहा जिसपर मुसहर जाति के लोगों ने कहा कि बगल में लकड़ी काटने आयें कुछ दिनों में यहां से चले जाएंगे, लेकिन बाद में वो लोग टाल-मटोल करते रहे। तब जमीन मलिक ने इसकी जानकारी थाना को दी, थाना ने अंचल अधिकारी के पास जाने को कहा अंचल अधिकारी ने आवेदन लेने के कुछ दिनों बाद जमीन को कब्ज़ा मुक्त कराने हेतु अपने कर्मचारियों को भेजा तो मुसहर समुदाय के लोग उलझ गये और अपनी जमीन बताते हुए हंगामा करने लगे।कुछ लोग उक्त स्थल पर मंदिर होने की बातें भी की।
तब इसकी सूचना थाना को दी गई तो थाना ने दोनों को पक्षों को कागजात के साथ बुलाया, लेकिन मुसहर जाति के लोग बिना कागजात थाना गये और कहा दिया कि कोर्ट में कागजात जमा है अभी नही दे सकते हमलोगों को समय दिया जाए।
लेकिन ये लोग अंचल एवं थाने को महीनों टाल-मटोल करते रहे।
दिनांक 29 अगस्त 2022 को मुरूमातू गांव के बुद्धिजीवी लोग मुसहर जाति के लोगों के पास गये और काफी समझाने-बुझाने के बाद वो लोग मान गये और जमीन छोड़ने को राजी हुए।पलामू प्रमंडल के मुशहर समुदाय एक जगह स्थाई रह ही नही सकता है। इनकी जिन्दगी आज यहां कल कहां वाली है। सरकार इन पर कभी ध्यान भी नही दिया। इस समुदाय के बिकास के लिए योजना बनतीं है और कागज की शोभा बढाती है।
दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता हुई जिसमें मुसहर समुदाय को मदद के तौर पर सहयोग राशि, गाड़ी भाड़ा एवं खाने के लिए राशन वगैरह भी दिया गया।
जिसके बाद वो लोग जमीन खाली कर चले गयें।
उसी रोज शाम में पता चला कि एक राजनीतिक षडयंत्र के तहत तथाकथित संगठनों के बहकावे में आकर मुसहर जाति के लोगों ने मनगढ़ंत आरोप लगाकर थाना में एफफाईआर कर दिया है।
स्थानीय पुलिस एवं जिला प्रशासन ने बिना पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच किये मुरूमातु गांव के मुस्लिम समुदाय के निर्दोष 12 लोग नामजद एवं 100 से अधिक अज्ञात महिला पुरूष पर प्रथमिकी दर्ज कर दिया।
वही 05 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और लगातार छापामारी की जा रही है, वहीं जमीन पर 144 धारा लगा दिया गया है। इधर अन्य दलों से जुड़े नेताओं द्वारा गांव में जाकर तथ्यहीन, विद्वेष से भरी बात कही जा रही है, जिसके कारण मुरूमातू गांव के अल्पसंख्यक समुदाय डरे हुए है और अधिक्तर लोग गांव छोड़कर चले गए है।
झारखंड सरकार इस पूरे घटने की उच्च स्तरीय जांच, कागजातों की अवलोकन कर सत्यता को सामने लाने की कृपा करें ताकि परदे के पीछे छुपे लोगों के चेहरे सामने आ सके।
चुकि मुसहर जाति के बंधुओं को आगे कर पीछे से कुछ और लोग राजनीतिक रोटी सेंक रहे है। ताकि मुस्लिम एवं दलित समुदाय के रिश्तों में दरार पैदा कर राष्ट्रीय स्तर पर इसका राजनीतिक लाभ लिया जा सके।
मुस्लिम वर्ग के पीड़ित परिवारों ने राज्यपाल/मुख्यमंत्री/ मंत्रियों को आज मांग पत्र देकर जांच एवं कार्रवाई का मांग किया है।
उपरोक्त सभी जानकारी पीड़ितों से मिली है।
महादलित मुसहर जाति के लोगों भूमि मकान और सम्मान पूर्वक रोजगार उपलब्ध करायें झारखंड सरकार जो इनका मौलिक अधिकार है।