द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने के निर्णय का प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद ने किया स्वागत
संवाददाता-हंसराज चौरसिया
रामगढ़ – राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता पक्ष द्वारा झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को प्रत्याशी बनाने का विरोध या चयन पर सवाल सिर्फ वही लोग उठा रहे हैं जो वास्तव में दलित कल्याण के नाम पर दलित नेता के लिए सिर्फ सवर्णों और ब्राह्मणों को गाली देने की योग्यता तय कर रखीं हैं। अन्यथा द्रौपदी मुर्मू में हर वह योग्यता है जो एक राष्ट्रपति के उम्मीदवार में होनी चाहिए। पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रदेश सचिव सह बीसीएस के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रसाद ने उक्त बातें कहीं। इस अवसर पर उन्होनें कहा कि भारत का सवर्ण समाज भी चाहता है कि संवैधानिक पदों पर चयन का पैमाना योग्यता होनी चाहिए ना की उसकी जाति। यदि कोई आदिवासी या दलित सुयोग्य है तो उसे बिल्कुल राष्ट्रपति के पद पर आसीन होकर संवैधानिक तरीके से समाज के सभी वर्गों के साथ न्याय करना चाहिए व उनके अधिकारों की रक्षा करना चाहिए क्योंकि राष्ट्रपति किसी एक समुदाय अथवा पार्टी का नहीं बिल्कुल बल्कि पूरे राष्ट्र का होता है।