भारतीय जनता पार्टी गुमला द्वारा आपातकाल दिवस पर विचार गोष्टि कर काला दिवस के रूप में मनाया
सुधाकर कुमार गुमला
भारतीय जनता पार्टी गुमला जिला द्वारा 25 जून को मुनेश्वर साहू के कॉन्फ्रेंस हॉल में काला दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम पंडित दीनदयाल उपाध्याय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के चित्र पर पुष्पअर्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। काला बिल्ला काली फीता लगाकर कार्यक्रम मनाई गई।
जिला अध्यक्ष अनुप चन्द्र अधिकारी ने काला दिवस के अवसर पर कार्यकर्ताओं को संम्बोधन करते हुए कहा कि 25 जून 1975 को दिन भारतीय इतिहास का काला दिवस है। इसी दिन काँग्रेस पार्टी ने लोकतंत्र का गला घोटने का काम किया था और निरंकुशता के बल पर असंवैधानिक तरीके से आपाल काल एमजेन्सी लगाने का काम किया था।
एस टी मोर्चा जिला अध्यक्ष देवेन्द लाल उराँव ने बताया कि देश में राष्ट्रपति को तीन स्थिति में आपातकाल घोषणा करने का अधिकार है। प्रथम जब देश में विदेशी आक्रमण हो दूसरा जब देश की वित्तीय स्थिति चरमारा गई हो और तीसरा जब देश की आंतरिक स्थिति चरमराई हो अशांति उपद्रव हो रहा हो। तब राष्ट्रपति अनुछेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं लेकिन उस समय ऐसी कोई स्थिति नहीं थी। इंदिरा गांधी अपनी हठधर्मिता के चलते और अपनी कुर्सी बचाने- बसाने के चलते इमरजेंसी लगवाई थी। हम युवाओं को इस घटना से सीख लेनी चाहिए की इतिहास में इस प्रकार की घटना का पुनरावृति ना हो और ऐसा काला अध्याय दुबारा भारत में ना लिखा जाए और सविधान का दुरुपयोग किसी भी जनप्रतिनिधियों के द्वारा ना हो।
र्पूव प्रदेश मंत्री वरिष्ठ भाजपा नेता भूपन साहु ने कहा कि इन्दिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी अपनी राज माता शक्ति का दुरुपयोग करते हुए बड़े बड़े नेताओं को 19 माह जेल के सलाखो में डालकर व 3 लाख लोगों को जबरन नसबन्दी करवाकर क्रूरता का परिचय स्वंय उनकी माता एवं पार्टी ने दिया।
वरिष्ठ समाजसेवी विजय बहादुर सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब मैं उस समय 28 का था और जब मैं एक शिक्षक था उस समय हम लोगों से यह भी कराने का प्रयास किया गया कि एक शिक्षक को दो-दो लोगों का नसबंदी कराना है यदि ऐसा नहीं करते है तो आपका वेतन काट दिया जाएगा। उस आपातकाल में विचार अभिव्यक्ति मौलिक अधिकारों का हनन कर लिया गया था।
उन्होंने यहां भी बताया कि इस प्रकार देश के बड़े नेता जयप्रकाश नारायण अटल बिहारी वाजपई लाल कृष्ण आडवाणी मोराराजी देसाई सहित कई नेताओं को जेल के अंदर डाला गया था कि विपक्ष कोई बड़ा नेता कांग्रेस पार्टी विरोध ना कर सके। संजय गांधी इतना अधिक हावी हो गए थे की महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी घरेलू हिंसा का शिकार होना पड़ा। संजय गांधी द्वारा घर में उन्हें मारपीट जैसी यातनाएं साहनी पड़ती थी। यहां तक कि इतने अधिक लोगों को जेल के अन्दर डाला गया कि जेल भरा चुका था। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोफेसर हरि किशोर शाही ने बताया कि हमारे देश में आपातकाल लागू करने के लिए लोकसभा एंव राज्यसभा दोनों सादनों से पास होने के बाद ही आपाकाल की घोषणा की जा सकती है।
लेकिन इंदिरा गांधी ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए राष्ट्रपति को आदेश दे दिया कि आपातकाल की घोषणा 25 जून 1975 से कर दी जाए और उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति फारूखअली अहमद ने ऐसा ही किया। इंदिरा गांधी तत्कालीन समय में देश की सबसे मशहूर नेता बन गई थी।
उन्होंने कुछ ऐसे कार्य किए जिसमें का राष्ट्रीयकरण किया, कोईलरी का राष्ट्रीयकरण कर एक सफल लोकप्रिय नेत्री बन गई और सत्ता की लालसा अभिलाषा में इंदिरा गांधी असंवैधानिक तरीकों का प्रयोग करना प्रारंभ कर दिया। आपातकाल की पृष्ठभूमि 1967 ईस्वी से ही बोई जा रही थी। एक चुनाव में इंदिरा गांधी को सरकारी पैसे एवं सकारी अधिकारियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगा था उसमें उच्चन्यायालय द्वारा यह फैसला आया कि इंदिरा गांधी अगले 6 वर्ष तक चुनाव नहीं लड़ सकती प्रधानमंत्री नहीं रह सकती। 24 जून को सर्वोच्च न्यायालय से इंदिरा गांधी को कुछ राहत मिला।
24 जून 1952 को जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संपूर्ण क्रांति का आहवान किया गया और बिहार से इसका बिगुल फुंका गया। इंदिरा गांधी ने दमनकारी नीति के तहत अपने विरोधियों का दमन करती रही।
आज के कार्यक्रम के प्रभारी मनोज सिंह ने बताया कि कांग्रेस पार्टी आज इंदिरा गांधी की निरंकुशता के कारण इस कांग्रेस पार्टी के पास 1967 में 350 सेअधिक सीटें हुवा करती थी वह 1977 के चुनाव में 158 में ही सिमट गई और जनता पाटी की सरकार मोरारजी देसाई के नेतृत्व में बनी। कांग्रेस पार्टी को सत्ता से बेदखल होना पड़ा।
अन्त में कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी कोई कार्यक्रम करता है उसका धेय देश के अंत्योदय तक होता है। अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजना एवं भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम का विचार संदेश जाना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन जिला उपाध्यक्ष सुजीत नंदा ने किया है एवं कार्यक्रम धन्यवाद ज्ञापन जिला के मंत्री जगनारायण सिंह जी ने किया।
मौके पर प्रदेश मंत्री मुनेश्वर साहु,जिला महामंत्री नारायण पटेल,जिला उपाध्यक्ष प्रदीप प्रसाद,सुजिद नन्दा ,जिला मंत्री गौरी किण्डो जगनारायण सिंह,अशोक उराँव निर्मल गोयल,कोसलेन्द्र जमुवार,चितरजंन मिश्रा ,सांसद प्रतिनिधि सुरज देव सिंह,रामअवध साहु, युवा नेता,भौला चौधरी खुशमन नायक,शंभु सिहं ,संजय वर्मा,मीरा देवी,गीता मिश्रा सुरेश सिंह हरिनारायण महतो,रेखा सिन्हा, अनुप कुमार सहित अन्य मौजुद थे।