पुलिस की मार से कमर टूटने का आरोप लगाते हुए युवक ने थाना प्रभारी के नाम दिया लिखित आवेदन
आक्रोशित ग्रामीणों ने किया सड़क जाम, की न्याय की माँग
झारखंड न्यूज़ 24
करौं/देवघर
उमेश चन्द्र मिश्रा
करौं थाना पुलिस द्वारा करोंग्राम निवासी को नरेश बाउरी को बीती रात को जमकर मार-पीट करने का मामला प्रकाश में आया है। इस सम्बंध में पीड़ित नरेश बावरी ने करौं थाना में थाना प्रभारी के नाम आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।
आवेदन के माध्यम से उन्होंने थाना के छोटा दारोगा पर आरोप लगाते हुए बताया है कि उनका घर नहीं रहने के कारण वे बीते शुक्रवार की रात्रि को सामुदायिक भवन बावरी पाड़ा में सोये थे। इसी बीच रात के करीब 10:30 बजे करौं थाना के छोटा दरोगा नरायण मिश्रा और उनके साथ तीन सिपाही सामुदायिक भवन पहुँचे और उन्हें लाठी से पीटने लगे। पीड़ित नरेश बाउरी ने बताया कि इस मारपीट में उनकी कमर टूट गई। उन्होंने बताया कि उनके चिल्लाने की आवाज सुनकर गाँव के विष्णु बाउरी, कृष बाउरी समेत तीन-चार लोग घटनास्थल पर पहुँचे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल लेकर गए।
इधर इस घटना के खिलाफ आक्रोशित ग्रमीणों ने शनिवार को करमांटाँड़-रंगासिरसा पथ को बाबा धर्मराज चौक पर जाम कर दिया। इस दौरान लोगों ने खटिया पर चोटिल नरेश बाउरी को सड़क रखकर पुलिस के खिलाफ जमकर ‘पुलिस प्रशासन हाय-हाय’ के नारा लगाए। इसकी जानकारी मिलते ही करौं थाना प्रभारी तत्काल घटना स्थल पर पहुँचकर लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान उन्होंने चोटिल नरेश बाउरी को इलाज कराने की बात कही, परन्तु ग्रामीण छोटा दारोगा नारायण मिश्र स्थल पर उपस्थित कर कार्रवाई कराने की बात पर लोग डटे रहे और करीब चार घंटे तक सड़क जाम रहा। इस जाम को लेकर करमांटाँड़-रंगासिरसा पथ पर आवागमन अवरुद्ध रहा।
मौके पर जिला परिषद सदस्य ललन सिंह, मुखिया प्रतिनिधि माटू मंडल, भागीरथ गोस्वामी, उत्तम सिंह, हीरालाल राय आदि भी आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन लोग अपनी बात पर डटे रहे।
घटना की जानकारी मिलते ही मधुपुर एसडीपीओ विनोद रवानी व मंत्री प्रतिनिधि गुलाम अशरफ उर्फ राजु स्थल पर पहुँचकर लोगों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराते हुए चोटिल नरेश बाउरी को बेहतर इलाज के देवघर सदर अस्पताल भेजा गया।
इधर पीड़ित को इलाज के लिए भेजने के बाद एसडीपीओ श्री रवानी ने लोगों को थाना परिसर में बुलाकर सबकी बातों को सुनते हुए दोषी पुलिस पर 24 घन्टे के भीतर कार्रवाई करने की आश्वासन दिया। एसडीपीओ के इस आश्वासन पर मामला शांत हुआ और ख़बर लिखे जाने तक किसी प्रकार के अन्य अनहोनी की सूचना नहीं थी।