नेत्र आईफ्लू बरसाती मौसमी संक्रमण से बचाव हेतु सावधानी बरते : धीरज कुमार
हजारीबाग-
बरसात के मौसम में हवा में नमी होने के कारण कंजेक्टिवाइटिस आईफ्लू की समस्या इपिडेमिक रूप से फैल रही है । आमतौर पर यह आई फ्लू या आंख आना एक वायरस/बैक्टीरिया जनीत संक्रमक रोग है जो ज्यादातर एक संक्रमित रोगी के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति को होता है। कंजेक्टिवाइटिस से बचाव हेतु संक्रमित व्यक्ति के संपर्क वाले सामानों से दूरी बनावे। स्वच्छता पर ध्यान रखें , आंखों को साफ सुथरा रखें, अपनी आंखों को अपने हाथ से बिना हाथ धोए न छुए। जब भी जरूरी हो हाथ धोकर आंख छुएं। अपनी निजी चीजों जैसे तालियां, तकिया , कंघी, रुमाल, कलम मोबाइल ,इत्यादि को सझा ना करें । क्योंकि बिना निकट संपर्क के आंख में संक्रमण नहीं होता है आम गलतफहमी है कि किसी की आंखों में देखने से आईफ्लू होता है जब तक आप प्रतक्ष्य-प्रतक्ष्य रुप से आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में नहीं आते हैं । तब तक संक्रमण का जोखिम नहीं होता है।आईफ्लू का इंफेक्शन होने से बचाव करना बेहतर है। सुझावों का पालन करते हुए बचाव हेतु आइटोन नाम की दवा सभी प्रतिष्ठित दवाखाना में मिलती है दोनों आंख में एक-एक बूंद से बचाव हेतु लगावे। आदि बीमारी हो जाता है उस परिस्थिति में परिवार के सदस्यों से दूरी बनाते हुए काला चश्मा का प्रयोग करें एवं आइटम दो दो बुंद दोनों आंख में चार-चार घंटा पर लगावे तकरीबन तीन दिन में यह बीमारी ठीक हो जाएगा, 3 दिन में ठीक नहीं होने पर नेत्र रोग विशेषज्ञ से सलाह ले और उनके सुझाव का पालन करें।
- प्रस्तुति
धीरज कुमार
जिला अध्यक्ष , अंबेडकर युवा मोर्चा , हजारीबाग