मगध कोल परियोजना से त्रस्त मासिलौंग के ग्रमीणों ने श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता को 23 सूत्री मांग सौंपा
मसिलौंग के ग्रमीणों द्वारा आरोप है कि मगध परियोजना के प्रबंधक झूठे आश्वासन पर कार्य कर रहा है
टंडवा
टंडवा प्रखंड के अंतर्गत मगध कोल परियोजना के भू-रैयतों ने सीसीएल के प्रबंधक की गलत रवैये की वजह से मूलभूत सुविधाओं से वंचित होने की वजह से झारखंड सरकार के श्रम नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता को 23 सुत्री माँग पत्र सौंपा गया।रैयतों ने मध्य क्षेत्र के जिला परिषद सह बीस सुत्री अध्यक्ष सुभाष यादव की पहल पर माननीय मंत्री से मिल कर मांग पत्र सौपतें हुवे अवगत करवाया की सीसीएल की झूठे आश्वासन एवं नौकरी, मुआवजा तथा स्थानीय नीति और नियोजन नीति एवं अन्य मांग हेतु कोई पहल नहीं किया जा रहा है। मासिलौंग ग्रमीणों का कहना है की हमारे भूमि पर कोल उत्पादन कर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार को करोड़ो रूपये की राजस्व मुनाफा दे रहा है,लेकिन यहां के भू-दाता रोजगार की मुद्दे हो या अन्य भूमि संबंधित जमीन देखकर त्रस्त है।
ग्राम मासिलौंग के रैयतों का कहना है कि एशिया का सबसे बड़ा कोल परियोजना को ओपेन कराने वाला मासिलौंग के भू-रैयत है। मंत्री सत्यानंद भोक्ता द्वारा आश्वासन में सबसे पहले अंचल द्वारा भूमि को भौतिक सत्यापन होगा और सीसीएल एवं एनटीपीसी द्वारा भू-रैयतों को नौकरी मुआवजा मूलभूत सुविधा मिलेगा।ताकि जमीन के कोई भी कार्य होना है ये सरकार के कानून में है। माननीय मंत्री को ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित मध्य क्षेत्र के जिला परिषद सह बीस सुत्री अध्यक्ष सुभाष यादव,राहम पंचायत मुखिया विश्वजीत उराँव,बीस सुत्री सदस्य सरबजीत गंझू झारखण्ड कोलयरी मजदूर यूनियन मगध,संघमित्रा क्षेत्र के अध्यक्ष तुलसी गंझू,डब्लू गंझू,सुनील गझू,प्रदीप गंझू,मुंशी गंझू,प्रकाश गंझू,सुजीत भोक्ता,गोपाल उराँव,अनिल उराँव,मुकन गंझू,चलितर उराँव,पवित्र भगत एवं सैकड़ों भू-रैयत मौजूद थे।