आज सभी जगह सुहागिन माताऐ अपने पति के लंबी उम्र एवं लंबी दीर्घायु के लिए किये वट सावित्री का पूजन
सनातन धर्म की हजारों हजार साल पुरानी सत्यवान सावित्री की कथा से मिलती है माताएं को शिक्षाप्रद कहानी
कुडू
कुडू प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र सलगी पंचायत में विभिन्न स्थानों पर सुहागिनी माताएं अपने पति की लंबी दीर्घायु एवं लंबी उम्र के लिए वट सावित्री की पूजा किए और सभी माताऐं अपने नजदीकी बरगद के पेड़ के पास जाकर पूजा अर्चना किए और सत्यवान सावित्री की बीती हुई कहानी को श्रद्धा पूर्वक बैठकर इस कहानी को पंन्डीजी के द्वारा सुनने का कार्य किए इस कहानी से सभी माताएं को यह शिक्षा मिलती है की सावित्री अपने पति का प्राण यमराज से कैसे वापस लाएं थे इसके विषय में सभी बताएं प्रेम पूर्वक बैठकर कहानी सुनी बहुत ऐसे मताऐं थे की इस कहानी को सुनते सुनते उनकी आंख में आंसू आ गए क्योंकि यह बहुत ही दर्दनाक कहानी है जो सावित्री के साथ गुजरा था भगवान करे कि ऐसा स्थिति किसी भी माताओं के साथ गुजरना न पड़े क्योंकि ऐसी विकट स्थिति में भगवान से सावित्री को लड़ाई करना पड़ गया था और अपने पति का प्राण वापस किये थे।
यह कहानी से यह शिक्षा मिलती है की सभी माताएं में इस तरीका से ताकत है क्योंकि सर्वोपरि माताएं है यदि अगर माताऐ चाह लें तो कुछ भी संभव हो सकता है इसलिए सावित्री माता सबको शिक्षा दिए कि आप में इस तरह से ताकत है आप इस ताकत को यूज कर सकते हैं प्रेम से भगवान से लड़ने का भी ताकत आप में है ऐसा हमारे सनातन धर्म का इतिहास कहता है अगर माता सावित्री में ताकत नहीं होती तो भगवान से लड़कर अपने पति के प्राण वापस नहीं कर पाते प्रेम से लड़कर अपने पति का प्राण वापस किए थे इसलिए सनातन धर्म की कहानी जितना भी है सब हजारों हजार साल पुराना कथा आज भी सभी सनातन धर्म के माताएं बहने भाई बंधु सभी पूजा अर्चना सभी श्रद्धा पूर्वक पूजा पाठ करते हैं ।