मनरेगा योजना, झारखण्ड में बन चूका हैं महा लूट योजना
संवादाता एजाज अहमद
गोड्डा जिला के ठाकुर गंगटी प्रखंड अंतर्गत बुधवाचक पंचायत में मनरेगा योजना में कार्य करने वाले मजदूरों के नाम पर महा लूट का ऑफर चल रहा है। ग्राम पंचायत बुधवाचक में कुल कार्यरत मजदूरों की संख्या 900 हैं जिनमें अधिकतर मुस्लिम महिलाओं के नाम है जो जीवन में कभी भी मनरेगा योजना के अंतर्गत होने वाले कार्यों में सम्मिलित नहीं है और न ही कभी कार्य स्थल पर काम करने गयी है। जबकि जितना भी कार्य हो रहा है वो सीधे दुसरे पंचायतों के आदिवासी मजदूरों को ठिका पर काम बिचौलियों द्वारा दिया जाता हैं। जबकि यहीं हाल पुरूषों का भी हैं। अधिकतर पुरुष बुनकर है जो दिन रात हस्तकरघा पर कपड़ा बना रहा हैं। मनरेगा के ऑफिसियल वेबसाइट पर जाने के बाद मालूम हुआ कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों का भी जॉब कार्ड बना है और उनके खाते में नियमित मजदूरी का पैसा जारी है। बहूत से ऐसे मजदूर है जो सालों से गाँव छोड़कर शहरों में काम करते हैं उनके भी खाते में मनरेगा योजना का पैसा आ रहा हैं जबकि बिचौलियों को शहरों में काम करने वाले मजदूरों से आराम ही है क्यूंकि पैसे का आदान प्रदान फ़ोन पे के माध्यम से ऑनलाईन हो रहा हैं। विधवा और वृधा पेंशन लोगों के खाते में भी मनरेगा का पैसा निकासी हो रहा है। बिचौलियाँ इसी का फायदा उठा कर आम लोगों के खाते से बैलेंस चेक करने के नाम पर उनके खुद का पैसा निकासी कर रहा है। अभी सम्पूर्ण पंचायत के दस वार्ड में जॉब कार्डधारियों की संख्या निम्नलिखित हैं- बाघाकोल-14, बड़ा सिरसा-2, बेलाटिकर-68, बुधवाचक-380, चाँदचक-21, खंजरीचक-175, लेनबरार बरोखर-184, लेनसिरसा-32, पिपरा-21 एवं पुर्णिया-3, देखना दिलचस्प होगा कि प्रखंड स्तरीय मनरेगा कर्मचारी द्वारा जांच हो पता है या पहले की तरह लिपा पोती में गुजरता हैं।