*आमदा में होती है माँ काली की अनोखी पूजा नही है यहाँ बली प्रथा*
*पोटका/ पूर्वी सिंहभूम/ झारखण्ड*
*सुरेश कुमार महापात्रा की रिपोर्ट*
पोटका-महामाया काली सिद्धाश्रम छोटा
आमदा मैं रविवार को शमशान पूजा किया गया। सोमबार को मां काली के समक्ष भक्तों ने अपनी भक्ति से अपने मनोकामना पूर्ण हेतु प्रार्थना किये।
महामाया काली सिद्धाश्रम छोटाआमदा के गुरु बाबा कमल लोचन महापात्र जी ने बताया कि शमशान पूजा नरक चतुर्दशी में की जाती है तथा दूसरे दिन मंदिर में काली माता की महा पूजा की जाती है, इस मंदिर में कई सालों से पूजा की जा रही है और भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती आ रही है। यह इस क्षेत्र की अनोखी पूजा है जहां कई जगहों पर मां काली के समक्ष बलि की प्रथा है वही यहां बली की कोई प्रथा प्रचलित नहीं है। दूरदराज से भक्त आते हैं और कई तरह से मां को प्रश्न करने की कोशिश करते हैं जहां खोलते हुए तेल से मां को अर्ग चढ़ायी जाती है वहीं बिना माचिस के दिये भी जलाए जाते हैं। यहाँ आसपास के क्षेत्रों के साथ-साथ दूरदराज राज्यों से भी भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण हेतु मां काली के समक्ष प्रार्थना करने यहां आते हैं। कई राज्यों से लोग यहां अनोखी पूजा देखने एवं मां काली के श्री चरणों में पूजा करने आते हैं। जैसे ओडिसा,बिहार , राजस्थान,बंगाल, तामीलनाडु,आदि कई जगहों से लोग यहां पर आते हैं।