यूक्रेन से लौटे छात्रों को विदेश से मेडिकल कोर्स पूरा करने में मदद करे सरकार: सुप्रीम कोर्ट
एजेंसी : नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार को युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए एक पोर्टल स्थापित करने का सुझाव दिया, जिसमें विदेशी कॉलेजों में उपलब्ध सीटों और इन छात्रों को विदेश में अपनी चिकित्सा शिक्षा जारी रखने में मदद करने के लिए फीस व अन्य विवरण शामिल हो. शीर्ष अदालत का यह सुझाव सरकार की इस दलील के जवाब में आया कि वह यूक्रेन से लौटे 20,000 छात्रों को भारत में समायोजित नहीं कर सकती और उन्हें विदेशी कॉलेजों में जाना होगा। अदालत ने 20,000 छात्रों को समायोजित करने की व्यवहार्यता समस्या (feasibility problem) को स्वीकार किया, लेकिन कहा कि सरकार को छात्रों को समायोजित करने में पूरी मदद करनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘भारत सरकार के पास यह पता लगाने के लिए संसाधन हैं कि किन देशों में इतनी सीटें हैं. छात्रों को पारदर्शी विकल्प दें. आपको उन भारतीय छात्रों के लिए समन्वय करना चाहिए जिन्हें अब वैकल्पिक योजना के तहत विदेश जाना होगा. हमारे उच्चायोगों को उनकी मदद करनी चाहिए. पोर्टल शुरू करें, कॉलेजों में उपलब्ध सीटों, फीस जैसे विवरण पोस्ट करें। सुनिश्चित करें कि उन्हें एजेंटों द्वारा नहीं लूटा जाए।केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत के सुझावों पर सरकार से निर्देश लेने के लिए समय मांगा और कहा कि वह इस मामले पर प्रतिकूल रुख नहीं अपना रहे हैं और निर्देशों के अनुसार जवाब देंगे। तुषार मेहता ने अदालत को यह भी बताया कि जो छात्र अपनी क्लीनिकल ट्रेनिंग पूरी नहीं कर सके, उन्हें भारत में पूरा करने की अनुमति दी गई है और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने भी छात्रों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में गतिशीलता के संबंध में निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट 23 सितंबर को मामले की फिर सुनवाई करेगा।