जतरा मेला टांड़ में झारखंड स्थापना दिवस पर हुआ भगवान बिरसा मुंडा का प्रतिमा अनावरण
वर्षो का परिश्रम हुआ सफल जतरा मेला टांड़ को मिली पहचान : नेत्री कविता कुमारी
संवाददाता : बरही
बरही प्रखंड अंतर्गत खोडाहर पंचायत के जतरा मेला टांड़ में सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं आदिवासी समाज के कड़ी मेहनत एवं परिश्रम के बाद भगवान बिरसा मुंडा का प्रतिमा स्थापित किया गया। प्रतिमा का विधिवत अनावरण भगवान बिरसा मुंडा के जयंती सह झारखंड स्थापना दिवस के मौके पर किया गया। जिसमे बरही के प्रशासनिक पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न सामाजिक एवं राजनीतिक दल के लोग शामिल हुए। इस मौके पर बरही बीडीओ क्रिस्टीना रिचा इंदवार, सीओ राम नारायण खलखो, भाजपा प्रदेश सह मीडिया प्रभारी रंजीत चंद्रवंशी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष रमेश ठाकुर, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष अब्दुल मनान वारसी, प्रखंड प्रमुख मनोज रजक, जेबीकेएस के युवा नेता संजय मेहता, जेबीकेएसएस नेता कृष्णा यादव, झामुमो के विनोद विश्वकर्मा, भाजपा जिला महामंत्री सुनील साहू, महिला नेत्री कविता कुमारी, विहिप जिला सहमंत्री सह जिप प्रतिनिधि गुरुदेव गुप्ता उपस्थित रहे। वहीं पूर्व विधायक मनोज यादव ने भी माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी मुख्य अतिथियों द्वारा एक एक कर भगवान बिरसा मुंडा के तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया। तत्पश्चात सभी ने भगवान बिरसा मुंडा के भारत के आजादी में दिए गए योगदानों पर प्रकाश डाला।
बीडीओ क्रिस्टीना रिचा इंदवार ने कार्यक्रम में उपस्थित आदिवासी बच्चों को कहा कि आप सबको भगवान बिरसा मुंडा के बताए मार्ग पर चल पढ़ लिखकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता है, इसी से भगवान बिरसा मुंडा को सच्ची श्रद्धांजलि दिया जा सकेगा।
सीओ राम नारायण खलखो ने कहा की भगवान बिरसा मुंडा का जीवन संघर्षों भरा था। उन्होंने संघर्ष कर समाज में बदलाव किया। साथ ही राष्ट्र की आजादी में भी महत्ती भूमिका निभाया। हमे उनके जीवन से शिखने की आवश्यकता है।
इस बाबत स्थानीय महिला नेत्री कविता कुमारी ने बताया कि कड़ी मेहनत एवं परिश्रम के बाद आज हमारे क्षेत्र का प्राकृतिक के गोद में बसा जतरा मेला टांड़ को उसका पहचान मिला है, प्रतिमा स्थापित होने से अब जतरा मेला टांड़ की पहचान भगवान बिरसा मुंडा मैदान के रूप में भी हो पाएगा। मौके पर ग्रामीणों में दिलीप एक्का ने धन्यवाद ज्ञापन, मंगल उराँव, मनीष एक्का, रंजीत मिंज, शामू उराँव, सुखदेव उराँव, राजू तिर्की, अमृत उराँव, दिनेश उराँव, शशि बाड़ा, झिरगा उराँव, संतोष लिंडा, सुनील टोप्पो, गणू करमाली, आतिश एक्का, चारकू उराँव, मगदली बाडा, शिलमणि बेक, अनीता कुजूर, लालमणि उराँव, पूनम कच्छप, सुरेंद्र एक्का, प्रकाश लिंडा, राजकुमार खलको, बसंत मुंडा, मनीष मिंज, शांति टोप्पो, फ़ुल्मानी कुजूर, बेचनी उराँव, नथनी उराँव समेत सैकडो लोग उपस्थित रहे।