निजी कॉलेज के कर्मी ने आयुक्त कार्यालय के समक्ष दिये एकदिवसीय महाधरना सौपे ज्ञापन
शिव शंकर शर्मा
इचाक: प्रखंड के वित रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के तत्वधान में उतरी छोटा नागपुर प्रमंडल हजारीबाग के आयुक्त कार्यालय के समक्ष एकदिवसीय महाधरना दिया। तथा माननीय मुख्यमंत्री महोदय को आयुक्त हजारीबाग के माध्यम से 8 (आठ) सूत्री मांग पत्र सौपा गया। महा धरना में वित रहित इंटर कॉलेज, उच्च विद्यालय, संस्कृत विद्यालय, मदरसा विद्यालयों के जिला हजारीबाग , रामगढ़, गिरिडीह, धनबाद, बोकारो, कोडरमा ,चतरा,धनबाद जिला के 500 से ज्यादा शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया। विदित हो कि झारखंड राज्य में 25-30 वर्षों से वित रहित स्कूल- कॉलेज चल रहे हैं। जिसमें 12000 से 15000 शिक्षक कर्मचारी कार्यरत हैं। जिन्हें वेतन के नाम पर ₹1 भी नहीं मिलता है ।जिसकी राशि बहुत कम है ।ऐसे संस्था अधिकतर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित है। जहां अनुसूचित जाति ,जनजाति, अल्पसंख्यक ,पिछडा,दलित , समुदाय के छात्र छात्राएं पढ़ते हैं।काम करने वाले शिक्षक कर्मचारियों का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। शिक्षक कर्मचारी भूखे मरने को विवस है । सरकार वर्ष में एक बार मिलने वाला अनुदान राशि भी तरह-तरह के बहाने बनाकर रोक देती है। जांच के नाम पर संस्थाओं को परेशान किया जाता है ।तथा अनावश्यक पैसे का दोहन होता है ।अनुदान की राशि कभी कमरे के नाम पर ,कभी छात्र संख्या के नाम पर ,कभी अन्य कारण का बहाना बनाकर रोक दिया जाता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोर्चा के उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल के संयोजक गणेश महतो ने कहा कि सरकार जो सदन में आश्वासन दिए. उसके आलोक में वित रहित शिक्षा नीति समाप्त कर शिक्षक कर्मचारियों को समान खान के लिए समान वेतन दिया जाएं। मोर्चा के डॉ देवनाथ सिंह ने कहा कि सरकार के शिक्षा विभाग ने चौगुना अनुदान का प्रस्ताव महंगाई को देखते हुए भेजा है। जिस पर माननीय मंत्री स्वर्गीय जगरनाथ महतो का अनुमोदन प्राप्त है। उस पर कार्रवाई करते हुए वर्ष 2023-24 से संस्थाओं को चौगुना अनुदान दिया जाए।
तथा अनुदान की राशि सीधे शिक्षक कर्मचारियों के खाते में भेजा जाए। मोर्चा के मनीष कुमार ने कहा कि जब तक हमारी मांगें मानी नहीं जाएगी हमारा आंदोलन जारी रहेगा। मोर्चा की मुख्य मांगे :-
1. वित रहीत स्कूल एवं इंटर कॉलेज को अधिग्रहण किया जाए या तत्काल घाटा अनुदान दिया जाए या अल्पसंख्यक विद्यालयों की तरह सरकारी कर्मी का दर्जा देते हुए वेतनमान दिया जाए ।
2.सरकार द्वारा सदन में दिए गए आश्वासन के आलोक में शिक्षक कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन दिया जाए।
3.महंगाई को देखते हुए अनुदान की राशि चौगुना किया जाए ।
4.जिन स्कूल -कॉलेज का अनुदान कमरे के नाम पर एवं अन्य कारण से काटा गया है उसके अनुदान की राशि निर्गत कर दी जाए.5.अनुदान की राशि सीधे शिक्षक कर्मचारियों के खाते में भेजी जाए. 6.ऐसे संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को किताब, साइकिल, ड्रेस इत्यादि अन्य सुविधाएं सरकारी विद्यालय के छात्रों के सामान दिया जाए । 7.इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष किया जाए।
8.स्कूल के स्लब मे संशोधन किया जाय। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ देवनाथ सिंह ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र यादव ने किया। मौक़े पर
डॉ देवनाथ सिंह ,गणेश महतो, इंद्रदेव मेहता ,मनीष कुमार , मनोज सिंह ,रघु विश्वकर्मा , सचित्त कुमार सिंह, शक्ति सिंह, डालेश चौधरी, मनोज कुमार, सुधीर कुमार ,शंभू कुमार, उर्मिला राणा ,ममता गुप्ता, पंकज कुमार ,उदय कुमार, बलेश्वार यादव, बसंत कुमार, के साथ सैकड़ो शिक्षक कर्मचारी मौजूद थे.