संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन पर अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रदेश कार्य समिति सदस्य रोमा तिर्की ने जताया शोक
संवाददाता-हंसराज चौरसिया
राँची/झारखंड- भारतीय संगीतकार और संतूर वादक, पंडित शिवकुमार शर्मा का मंगलवार, 10 मई को निधन हो गया। संगीत उस्ताद पिछले छह महीनों से गुर्दे से संबंधित समस्याओं से पीड़ित थे और डायलिसिस पर थे। 84 वर्ष की आयु में कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित होने के बाद उनका स्वर्गवास हो गया। उनके निधन पर संगीत, फिल्म और राजनीति जगत की हस्तियों ने श्रद्धांजलि दी है।
वही उनके निधन पर अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रदेश कार्य समिति सदस्य रोमा तिर्की ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा की संगीत की दुनिया ने अपने सबसे महान उस्तादों में से एक को खो दिया है। पंडित शिवकुमार शर्मा ने ना केवल संतूर को वैश्विक स्तर पर पेश किया । बल्कि अपने संगीत से फिल्म संगीत को भी समृद्ध किया। मैं विशेष रूप से शोक संतप्त करती हूं । उन्होंने आगे कहा की जम्मू के रहने वाले पंडित शिवकुमार शर्मा ने महज तेरह साल की उम्र में संतूर सीखना शुरू कर दिया था। 1995 में मुंबई में अपना पहला सार्वजनिक प्रदर्शन देने के बाद से, महान संतूर वादक ने जबरदस्त प्रसिद्धि हासिल की और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाल्टीमोर शहर की मानद नागरिकता सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त की। भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पद्म श्री और 2001 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया है।
पंडित शिवकुमार शर्मा ने अपने 6 दशकों से अधिक के शानदार करियर में हिंदुस्तानी संतूर संगीत के कई एल्बम दिए हैं। इसके अलावा, उन्होंने सिलसिला और चांदनी सहित कई प्रतिष्ठित बॉलीवुड फिल्मों के लिए संगीत बजाया है। भारतीय संगीत में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें 1986 में संगीत नाटक अकादमी सम्मान मिला। संगीत उस्ताद की आत्मकथा, जर्नी विद अ हंड्रेड स्ट्रिंग्स: माई लाइफ इन म्यूजिक 2002 में वापस प्रकाशित हुई थी।