झारखंड में बेकाबू होता जा रहा है बालू का दाम
सोरेन परिवार चोरी, बेईमानी व झारखंड के गरीबों के जल, जंगल, ज़मीन, पत्थर, बालू लूट कर बेहिसाब दौलत इकट्ठा करने में लगा है- प्रदेश सचिव राजेश प्रसाद
संवाददाता-हंसराज चौरसिया
रांची/झारखंड- राज्य में बालू की कीमत दिन प्रतिदिन बेलगाम होती जा रही है। सिविल कामों पर इसका असर राज्य भर में देखने को भी मिल रहा है । वही रांची स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर भी इसका सीधा असर देखने को मिल रहा है । पिछले कुछ माह से बालू की बेकाबू कीमतों के चलते प्रोजेक्ट का काम धीमा हो गया है । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट में लगी कंपनियों ने जुडको को भी इस संबंध में लेटर लिखकर मदद की अपील की है । इधर पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के प्रदेश सचिव एवं बीसीएस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश प्रसाद ने भी इशारों इशारों में राज्य की वर्तमान सरकार पर जमकर हमला बोला है । राजेश ने मंगलवार दोपहर पत्रकारों से बातचीत करने पर कहा की जब राज्य के सीएम और उनके परिवार ही नदियों के बालू पर कुंडली मारे बैठे हों तो बालू के दाम तो आसमान छुएंगे ही । यह सरकार बालू की लूट को लेकर जवाबदेही से बचना चाहती है । झारखंड में बालू की संगठित लूट के कारण आज स्मार्ट सिटी का काम अधर पर लटका पडा है । कंपनियों और ठेकेदारों ने लूट के माल को ऊंचे दाम पर खरीदने से इंकार कर दिया है । घाटों का टेंडर न करके राज्य सरकार अपने अधिकारियों के माध्यम से बालू की खुली लूट की छूट दे रखी है । आज लोगों को न तो घर बनाने के लिए बालू मिल रहा है, न पुल-पुलियों के निर्माण में उन्होनें बाबूलाल मरांडी का समर्थन कर कहा की उन्होंने सदन में उन्होंने इस पर कई बार आवाज़ उठाई है ।लेकिन सरकार ने 15 दिनों में टेंडर करने की बात कही थी । पर ये सब ढाक के तीन पात साबित हुए हैं ।
सोरेन परिवार चोरी, बेईमानी व झारखंड के गरीबों के जल, जंगल, ज़मीन, पत्थर, बालू लूट कर बेहिसाब दौलत इकट्ठा करने में लगा है । इस परिवार का स्याह चेहरा जब भी उजागर होता है तो ये लोग खुद को आदिवासी बताने का ढ़ाल इस्तेमाल करने लगते हैं । वही प्रसाद ने सीएम से पूछा है कि वे बताएं कि क्या आदिवासी का मतलब सिर्फ़ सोरेन परिवार ही होता है?