March 28, 2024
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हजारीबाग की एक बहु प्रख्यात चर्चित अभिनेत्री प्रियंका गिरी बनी मेमसाब नम्बर वन की विनर

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हजारीबाग की एक बहु प्रख्यात चर्चित अभिनेत्री प्रियंका गिरी बनी मेमसाब नम्बर वन की विनर

कहते हैं जब शरीर और आत्मा का मिलन होता है, तब एक खूबसूरत नृत्य का सृजन होता है। भारतीय संस्कृति में नृत्य का एक अलग स्थान और महत्त्व है। नृत्य कला- कौशल का अनोखा उदाहरण के साथ अपने आप में किसी त्याग, तपस्या और साधना से कम नहीं है। इसे चरितार्थ करने या समझने के लिए आपको हजारीबाग की एक बहू की सच्ची कहानी से अवगत होना जरूरी है। जिनकी संघर्ष की दास्तां, नृत्य और अभिनय के प्रति त्याग और समर्पण का जुनून किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। शिद्दत से चाहो तो कोई भी मुकाम प्राप्त करना कठिन नहीं होता है। हाल ही में जी गंगा के चर्चित शो मेमसाब नंबर वन 2023 की विनर वन प्रियंका गिरी ने यह साबित कर दिया कि जहां चाह वहां राह है। बतौर अभिनेत्री इनका फिल्म द ग्रेट माउंटेन भी जल्द आने वाला है जिसका शूटिंग कंप्लीट हो चुका है।

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हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड स्थित रेवाली ग्राम निवासी हरेकृष्ण गिरी की पत्नी प्रियंका गिरी आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है। प्रियंका गिरी झारखंड बिहार में अपने बहुमुखी कलात्मक प्रतिभा के बदौलत एक अलग पहचान स्थापित कर चुकी है। शास्त्रीय, आधुनिक और लोकनृत्य के अलावे अपने उत्कृष्ट अभिनय शैली के बदौलत इन दिनों सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम सहित अन्य में बखूबी अपने हुनर का जलवा बिखेर रही है। वर्ष 2018 के दिसंबर महीने में महुआ प्लस चैनल के रियलिटी शो डांस घमासान की विजेता बनने के बाद प्रियंका गिरी झारखंड- बिहार में पहली बार चर्चे में आई। प्रियंका अपने नृत्य और अभिनय के गुर को दूसरों को सिखाने के लिए अपने घर पर ही प्रिंसेस डांस एकेडमी एंड फिटनेस सेंटर की स्थापना कर चुकी हैं। इसके माध्यम से जहां समाज के अनाथ एवं गरीब बच्चों -बच्चियों को मुफ़्त में प्रशिक्षण देती है वहीं अपने अंदर की प्रतिभा को बच्चों में बांटने में पीछे नहीं रहती। इनका पहला एलबम 2019 में हरियाणा की छोरी ने खूब धमाल मचाया। प्रियंका नृत्य की कई विधाओं में निपुण तो हैं ही साथ ही एक बेहतर कोरियोग्राफर, उत्कृष्ट स्क्रिप्ट राइटर और अभिनय के क्षेत्र में भी तेजी से उभरती हुई कलाकार हैं। इन्हें भोजपुरी फिल्मों में बतौर कोरियोग्राफर और अभिनेत्री कार्य करने के कई बड़े ऑफर आए हैं लेकिन इनका सपना हिन्दी सीने जगत में कुछ बेहतर करने का है और अपने इसी सपने को साकार करने में वे जुटी हैं ।

प्रियंका गिरी अपने अब तक के संघर्ष की दास्तान को बयां करते हुए कहती हैं की मैं एक साधारण व्यापारी परिवार में बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज में जन्मी हूं। मेरे पिता का नाम शंकर दयाल शर्मा है। मुझे बचपन से ही डांस और एक्टिंग का शौक है लेकिन मेरे घरवाले इसके विपरीत प्रखर विरोध करने वालों में रहे। मुझे घर वालों का साथ नहीं मिला लेकिन उनके लाख विरोध के बावजूद मैंने अपने स्कूल और कॉलेज के प्रोग्राम में हमेशा हिस्सा लिया। इस दौरान बिहार के कई नामचीन हस्तियों द्वारा मुझे कॉलेज के प्रोग्राम में अव्वल आने हेतु पुरस्कृत भी किया गया। मुझे नृत्य करता देख मेरे घरवाले मुझे हमेशा तिरस्कार करने लगे और मैं मायूस होकर अपने किस्मत को कोसती थी। लेकिन 13 फरवरी 2010 को मेरी शादी हजारीबाग के रेवाली निवासी हरे कृष्ण गिरी से हुई। मेरे पति बहुत गुस्सैल किस्म के इंसान हैं। ससुराल में हमेशा आपसी विवाद होते रहता था। एक बार घरेलू समस्या को लेकर मेरे पति मुझे केवल दो कपड़ों के साथ बोकारो ले गए। जहां तीन-चार दिन रिश्तेदार के पास गुजारने के बाद मेरे पति किसी पर बोझ नहीं बनने के ख्याल से चास नाला, बोकारो में कमरा भाड़े पर लिया। इस वक्त हमारे पास ना कोई साधन संसाधन थे और ना ही खाने के लिए पैसे। हम दोनों पति पत्नी नौकरी की तलाश में भटकते रहे। अप्रैल 2010 में मुझे इंडिया इन्फोलाइन कंपनी में कंसलटेंट का काम मिला और मेरे पति कुछ दिन बाद इलेक्ट्रो स्टील कंपनी में कार्य कर रहे संवेदक के यहां काम करने लगे। पति को दूसरा काम मिलने के बाद मैं अपनी नौकरी छोड़ डालटेनगंज, पलामू चली गई। इसी बीच मैं मां बनने वाली थी लेकिन मेरे ख्वाब सपनों में बदल रहे थे। मैं बहुत मायूस थी परंतु हिम्मत नहीं हारी। एक दिन पति का अच्छा मूड देख मैंने उनसे अपने सपने के बारे में बताया और उनसे सहयोग मांगा। वह मान गए। इसी बीच मेरे पुत्र पुष्कर का जन्म वर्ष 2011 में हुआ। डालटेनगंज में दूरदर्शन में मुझे कई बार प्रस्तुति का अवसर प्राप्त हुआ। मुझे और मेरे पति को इस दौरान लोगों और रिश्तेदारों के कई यातनाएं सहनी पड़ी। तब मेरे पति उषा मार्टिन लिमिटेड में नौकरी करने लगे। यहां उनके जीवन राजीव कुमार और उनकी धर्मपत्नी नीतू सिंह ने मेरा हौसला बढ़ाया जिसके बाद वर्ष 2013 में ज़ी टीवी के रियलिटी शो डीआईडी सुपर मॉम्स के लिए रांची में आयोजित ऑडिशन में मेरा चुनाव हुआ और मैं स्टूडियो राउंड तक ही जा पाई। फिर मेरे पति का ट्रांसफर हमारी कर्मस्थली हजारीबाग में हुई। यहां मैंने अपने प्रिंसेस डांस एकेडमी एंड फिटनेस सेंटर की स्थापना की। जिसके बाद झारखंड में होने वाली स्टेट लेवल के लगभग हर मंच पर गई जैसे द डांसिंग स्टार, रांची (2017), ताज नाइट, जमशेदपुर (झारखंड का पहला रियलिटी शो 2018) में प्रथम स्थान पाई। मेरा हौसला इससे बड़ा और दो हजार अट्ठारह में महुआ प्लस चैनल के रियलिटी शो डांस घमासान की विजेता बनी। प्रियंका गिरी कहती है कि मेरा एक परिवार है, मैं एक पत्नी के साथ एक पुत्र की मां भी हूं। मैं अपने नृत्य और अभिनय को को भारतीय संस्कृति और सभ्यता को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह वार्ता से दूर रखने की कोशिश करती हूं और आगे भी करूंगी। मेरा मकसद अपने कला को उद्गार करने के साथ इसे समाज के ललाहित बच्चों के बीच बांटना है। उन्होंने कहा कि मैं खुशनसीब हूं कि ईश्वर ने मुझे मेरे जीवनसाथी के रूप में एक ऐसा इंसान दिया जिन्होंने मेरे सपने पूरा करने में हमेशा मेरा साथ दिया। वे बताती हैं कि मेरे पति और मेरा बच्चा भी कई लघु प्रस्तुति में मेरे साथ होते हैं। वे अपनी अबतक के कामयाबी का पूरा श्रेय अपने पति को देती हैं साथ ही कहती हैं की अगर आपके इरादे नेक हों और मन से आप दृढ़ संकल्पित हो तो पूरी कायनात आपको आपके सपने पूरे करने में मदद जरूर करेगी ।

✍ रंजन चौधरी,
मीडिया प्रतिनिधि, सदर विधायक, हजारीबाग ।

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